NCTE B.ed BSTC Student Protest 2021 Latest News

एनसीटीई के नियम के बाद बीएसटीसी के छात्रों में भरपूर आंदोलन का जज्बा दिखा।

Latest News 25/10/2021

B.ed BSTC REET latest News
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कुछ दिनों से राजस्थान सरकार के फैसले के विरुद्ध 2 बीएसटीसी छात्र आमरण अनशन पर बैठे है।

राजस्थान में रीट भर्ती परीक्षा के बाद एनसीटीई का एक कानून चर्चा का विषय बन गया है। आरटीई एक्ट आने के बाद स्कूल एजुकेशन संबंधित टीचर्स की पात्रता तय करने की संपूर्ण जिम्मेदारी एनसीटीई को मिल गई है।

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आइए जानते हैं पूरा मामला-

30 अगस्त 2010 को एनसीटीई द्वारा थर्ड ग्रेड के लेवल प्रथम हेतु 12th + डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन और लेवल द्वितीय के लिए ग्रेजुएशन + B.Ed की योग्यता तय की थी। परंतु एचआरडी मंत्रालय के दिशा निर्देश पर एनसीटीई ने 28 जून 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया। उस नोटिफिकेशन में देशभर में B.Ed डिग्री धारियों को भी लेवल प्रथम में योग्य मान लिया।

NCTE Act 2021 BSTC Student
NCTE Act Protest 2021

जब यह है नोटिफिकेशन जारी हुआ तो सभी राज्य सरकार को इस नोटिफिकेशन को मानना एक बाध्यता बन गई। परंतु जब रीट भर्ती 2021 का विज्ञापन जारी हुआ तो उसमें लेवल प्रथम के लिए बीएड डिग्री धारकों को पात्र नहीं माना इसके बाद नोटिफिकेशन का प्रमाण लेकर बीएड अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंच गए साथ ही बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने भी हाईकोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को चुनौती दे दी।

हालांकि एनसीटीई के नियम के बाद बीएसटीसी के छात्रों में भरपूर आंदोलन का जज्बा दिखा। छात्रों द्वारा ट्विटर पर एनसीटीई काला कानून वापस लो trend भी कराया गया।

NCTE Order for B.ed

कुछ दिन पहले एनसीटीई द्वारा जारी एक अधिसूचना में, जिन उम्मीदवारों ने एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से तीन वर्षीय एकीकृत बीएड-एमईड की योग्यता हासिल की है, उन्हें कक्षा I से V तक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा।

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हालांकि, एक शिक्षक के रूप में नियुक्त व्यक्ति को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के दो साल के भीतर अनिवार्य रूप से एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त प्रारंभिक शिक्षा में छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।

इससे पहले, जिन उम्मीदवारों के पास बीएड विशेष शिक्षा की डिग्री थी, वो एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के अनुसार केवल छठी से आठवीं कक्षा के लिए शिक्षक बनने के हकदार थे।

पटना विश्वविद्यालय सीनेट सदस्य और समावेशी शिक्षा के विशेषज्ञ कुमार संजीव ने कहा कि बीएड विशेष शिक्षा की डिग्री भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए और जरूरी नहीं कि एनसीटीई से ही हो।

उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा नीति 2006 में राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में लागू की गई थी, जिसके तहत सामान्य (सामान्य) के साथ-साथ शारीरिक रूप से विकलांग बच्चे एक छत के नीचे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं ताकि शारीरिक रूप से विकलांगों के साथ कोई भेदभाव न हो।

उन्होंने कहा कि विशेष शिक्षकों को अब राज्य के 80,000 सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने राज्य सरकार से विशेष शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का आग्रह किया।

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