प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) Latest News

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana, PMFBY, kisan Fasal Bima Yojana, Pradhan Mantri kisan Bima Yojana

योजना के उद्देश्य

  • प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • कृषि में किसानों की सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व देना।
  • किसानों को कृषि में नवाचार एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY)
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY)

भारत किसानों का देश है, जहां ग्रामीण आबादी का अधिकतम अनुपात कृषि पर आश्रित है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नें 13 जनवरी 2016 को एक नई योजना “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)” का अनावरण किया।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?

PMFBY के तहत बीमा दावे के निपटान की प्रक्रिया को तेज और आसान बनाना है।

  • यह योजना उन किसानों की मदद करेगी जो अपनी खेती के लिए ऋण लेते हैं, और खराब मौसम से उनकी रक्षा भी करेगी।
  • यह योजना भारत के हर राज्य में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की जायेगी।
  • इस योजना का प्रशासन “कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार)” द्वारा किया जाएगा।

कौनसे किसानों को मिलेगी बीमा राशि ?

  • अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगानेवाले पट्टेदार/जोतदार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के लिए पात्र हैं।
  • गैर ऋणी किसानों को राज्य में प्रचलित के भूमि रिकार्ड अधिकार (आरओआर), भूमि कब्जा प्रमाण पत्र (एल पी सी) आदि आवश्यक दस्तावेजी प्रस्तुत करना आवश्यक हैं।
  • इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अनुमति अधिसूचित लागू अनुबंध, समझौते के विवरण आदि अन्य संबंधित दस्तावेजों भी आवश्यक हैं।
  • अनिवार्य घटक वित्तीय संस्थाओं से अधिसूचित फसलों के लिए मौसमी कृषि कार्यों (एस ए ओ) के लिए ऋण लेने वाले सभी किसान अनिवार्यतः आच्छादित होंगें।
  • स्वैच्छिक घटक गैर ऋणी किसानों के लिए योजना वैकल्पिक होगी।
  • योजना के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला किसानों की अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किया जाएगा।
  • इस के तहत बजट आबंटन और उपयोग संबंधित राज्य के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/सामान्य वर्ग द्वारा भूमि भूमि-धारण के अनुपात में होगा।
  • पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को कार्यान्वयन एवं फसल बीमा योजनाओं पर किसानों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए शामिल किया जा सकता है।
 PM Fasal BimaYojana Crop App
PM Fasal BimaYojana Crop App

Crop Insurance एप्प डाऊनलोड कर लेवें व सम्बन्धित किसान की जानकारी भर देवें।

यहां से डाऊनलोड करें एप्प

PMFBY में कौनसी फसल हेतु मिलेगा बीमा?

  • खाद्य फसल (अनाज, बाजरा और दालें)
  • तिलहन
  • वार्षिक वाणिज्यिक/वार्षिक बागवानी की फसल

किस प्रकार का नुकसान होने पर मिलेगा बीमा?

  • फसल के निम्नलिखित चरण और फसल नुकसान के लिए जिम्मेदार जोखिम योजना के अंतर्गत कवर किये जाते हैं।
  • बुवाई/रोपण में रोक संबंधित जोखिम: बीमित क्षेत्र में कम बारिश या प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण बुवाई/ रोपण में उत्पन्न रोक।
  • खड़ी फसल (बुवाई से कटाई तक के लिए): नही रोके जा सकने वाले जोखिमों जैसे सूखा, अकाल, बाढ़, सैलाब, कीट एवं रोग, भूस्खलन, प्राकृतिक आग और बिजली, तूफान, ओले, चक्रवात, आंधी, टेम्पेस्ट, तूफान और बवंडर आदि के कारण उपज के नुकसान को कवर करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा प्रदान की जाती है।
  • कटाई के उपरांत नुकसान: फसल कटाई के बाद चक्रवात और चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश के विशिष्ट खतरों से उत्पन्न हालत के लिए कटाई से अधिकतम दो सप्ताह की अवधि के लिए कवरेज उपलब्ध है।
  • स्थानीयकृत आपदायें: अधिसूचित क्षेत्र में मूसलधार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसे स्थानीय जोखिम की घटना से प्रभावित पृथक खेतों को उत्पन्न हानि/क्षति।

कौनसे कारणों की वजह से नही मिलेगा बीमा?

निम्न कारणों से किसी के कारण फसलों के नुकसान में बीमा कवर लागू नहीं होगा-

  • युद्ध और आत्मीय खतरे
  • परमाणु जोखिम
  • दंगा
  • दुर्भावनापूर्ण क्षति
  • चोरी या शत्रुता का कार्य
  • घरेलू और/या जंगली जानवरों द्वारा चरे जाना और अन्य रोके जा सकने वाले जोखिमों को कवरेज से बाहर रखा जाएगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कितनी बीमा राशि मिलेगी?

अनिवार्य घटक के तहत ऋणी किसानों के मामले में बीमित राशि जिला स्तरीय तकनीकी समिति (DLTC) बीमित द्वारा निर्धारित वित्तिय माप के बराबर होगा जिसे बीमित किसान के विकल्प पर बीमित फसल की अधिकतम उपज के मूल्य तक बढ़ाया जा सकता है।

यदि अधिकतम उपज का मूल्य ऋण राशि से कम है तो बीमित राशि अधिक होगी।

राष्ट्रीय अधिकतम उपज को चालू वर्ष के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के साथ गुणा करने पर बीमा राशि का मूल्य प्राप्त होता है। जहां कहीं भी चालू वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध नहीं है, पिछले वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य अपनाया जाएगा।

जिन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं की गई है, विपणन विभाग/बोर्ड द्वारा स्थापित मूल्य अपनाया जाएगा।

PMFBY योजना की मुख्य बातें

  • किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है।
  • वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा।
  • किसानों द्वारा भुगतान किये जाने वाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं, और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए।
  • सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90% हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • इससे पहले, प्रीमियम दर पर कैपिंग का प्रावधान था, जिससे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था।
  • अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमित राशि का दावा मिलेगा।
  • काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।

2016-2017 के बजट में प्रस्तुत योजना का आवंटन 5, 550 करोड़ रूपये का है।

भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) द्वारा नियंत्रित

  • बीमा योजना को एक मात्र बीमा कंपनी, भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
  • पीएमएफबीवाई राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) की एक प्रतिस्थापन योजना है, इसलिए इसे सेवा कर से छूट दी गई है।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY)
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY)

योजना की इकाई

योजना बड़े पैमाने पर आपदाओं के लिए प्रत्येक अधिसूचित फसल के लिए एक ‘क्षेत्र दृष्टिकोण आधार’ (यानी, परिभाषित क्षेत्रों) पर लागू की जायेगी।

यह धारणा है कि सभी बीमित किसान को बीमा की एक इकाई के रूप में एक फसल के लिए “अधिसूचित क्षेत्र” के तौर पर परिभाषित किया जाना चाहिए, जो समान जोखिम का सामना करते हैं।

काफी हद तक एक समान प्रति हेक्टेयर उत्पादन के लागत, प्रति हेक्टेयर तुलनीय कृषि आय और अधिसूचित क्षेत्र में जोखिम के कारण एक समान फसल हानि अनुभव करते हैं।

अधिसूचित फसल के लिए इंश्योरेंस की यूनिट को जनसंख्या की दृष्टि से समरूप जोखिम प्रोफाइल वाले क्षेत्र से मैप किया जा सकता है।

परिभाषित जोखिम के कारण स्थानीय आपदाओं और पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान के जोखिम के लिए, नुकसान के आकलन के लिए बीमा की इकाई प्रभावित व्यक्तिगत किसान का बीमाकृत क्षेत्र होगा।

क्रियान्वयन एजेंसी

बीमा कंपनियों के कार्यान्वयन पर समग्र नियंत्रण कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत किया जाएगा।

मंत्रालय द्वारा नामित पैनल में शामिल एआईसी और कुछ निजी बीमा कंपनियॉ वर्तमान में सरकार द्वारा प्रायोजित कृषि, फसल बीमा योजना में भाग लेंगी।

निजी कंपनियों का चुनाव राज्यों के उपर छोड़ दिया गया है।

पूरे राज्य के लिए एक बीमा कंपनी होगी।

कार्यान्वयन एजेंसी का चुनाव तीन साल की अवधि के लिए किया जा सकता है, तथापि राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रदेश तथा संबंधित बीमा कंपनी यदि प्रासंगिक हो तो शर्तों पर फिर से बातचीत करने के लिए स्वतंत्र हैं।

यह बीमा कंपनियों को किसानों के बीच सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों में प्रीमियम बचत से निवेश करने के माध्यम से विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए सुविधा प्रदान करेगा।

प्रबंधन और योजना की निगरानी

राज्य में योजना के कार्यक्रम की निगरानी के लिए संबंधित राज्य की मौजूदा फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति (SLCCCI) जिम्मेदार होगी।

हालांकि कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग (डीएसी और परिवार कल्याण) के संयुक्त सचिव (क्रेडिट) की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तर की निगरानी समिति (NLMC) राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना की निगरानी करेगी।

किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक फसली मौसम के दौरान प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित निगरानी उपायों का पालन प्रस्तावित है:

नोडल बैंकों के बिचौलिये आगे मिलान के लिए बीमित किसानों (ऋणी और गैर-ऋणी दोनों) की सूची अपेक्षित विवरण जैसे नाम, पिता का नाम, बैंक खाता नंबर, गांव, श्रेणी – लघु और सीमांत समूह, महिला, बीमित होल्डिंग, बीमित फसल, एकत्र प्रीमियम, सरकारी सब्सिडी आदि सॉफ्ट कॉपी में संबंधित शाखा से प्राप्त कर सकते हैं।

इसे ई मंच तैयार हो जाने पर ऑनलाइन कर दिया जाएगा।

संबंधित बीमा कंपनियों से दावों की राशि प्राप्त करने के बाद, वित्तीय संस्थाओं/बैंकों को एक सप्ताह के भीतर दावा राशि लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरण कर देना चाहिए। इसे किसानों के खातों में बीमा कंपनी द्वारा सीधे ऑनलाइन हस्तांतरित कर दिया जाएगा।

Telegram चैनल से जुड़े

अन्य जानकारी हेतु आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं, वहां आपको इस योजना की लेटेस्ट अपडेट मिलती रहेगी। टेलीग्राम चैनल में जॉइन होने के लिए यहां Click करें Click Here

लाभार्थियों की सूची (बैंकवार एवं बीमित क्षेत्रवार) फसल बीमा पोर्टल एवं संबंधित बीमा कंपनियों की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है।

करीब 5% लाभार्थियों को क्षेत्रीय कार्यालयों/बीमा कंपनियों के स्थानीय कार्यालयों द्वारा सत्यापित किया जा सकता है जो संबंधित जिला स्तरीय निगरानी समिति (DLMC) और राज्य सरकार/फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति (SLCCCI) को प्रतिक्रिया भेजेंगें।

बीमा कंपनी द्वारा सत्यापित लाभार्थियों में से कम से कम 10% संबंधित जिला स्तरीय निगरानी समिति (DLMC) द्वारा प्रतिसत्यापित किए जायेंगें और वे अपनी प्रतिक्रिया राज्य सरकार को भेजेंगें।

लाभार्थियों में से 1 से 2% का सत्यापन बीमा कंपनी के प्रधान कार्यालय/केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र एजेंसियों/राष्ट्रीय स्तर की निगरानी समिति द्वारा किया जा सकता है। और वे आवश्यक रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजेंगें।

इसके अलावा, जिला स्तरीय निगरानी समिति (DLMC) जो पहले से ही चल रही फसल बीमा योजनाओं जैसे राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), मौसम आधारित फसल बीमा योजना (WBCIS), संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) और नारियल पाम बीमा योजना (CPIS) के कार्यान्वयन और निगरानी की देखरेख कर रही है, योजना के उचित प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगी।

Mukhyamantri Anuprati Yojana मुख्यमंत्री अनुप्रिति योजना Apply Now

विशेष वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप्प

भारत सरकार ने हाल ही में बेहतर प्रशासन, समन्वय, जानकारी के समुचित प्रचार-प्रसार और पारदर्शिता के लिए एक बीमा पोर्टल शुरू किया है।

एक एंड्रॉयड आधारित “फसल बीमा ऐप्प” भी शुरू किया गया है जो फसल बीमा, कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग (डीएसी एवं परिवार कल्याण) की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।

Leave a Comment